तो ये उनके लिए जो खुद को खूबसूरत नहीं जानते…
सुनो तुमने ही मुझसे कहा था ना कि सादगी के जैसा श्रृंगार कोई हो नहीं सकता है
इंसान जिस्मानी खूबसूरती को खो भी दे भला , मगर दिल की खूबसूरती कभी खो नहीं सकता है।
मैंने खुद की नजरों में कभी खुद को गिराया था
क्योंकि उस भीड़ ने मुझे कम सुंदर बताया था…
“वो क्या है ना आंखें बड़ी ही खूबसूरत है
रंग गोरा ही है अच्छा…
अगर तुम्हें कहे कोई मुझसे बेहतर
तो समझ लेना वो नहीं था सच्चा”
इन सब बातों को तुम दिल में थाम रोज सिसकती थी,
उम्र में तो मात्र तुम एक छोटी सी बच्ची थी…
तुलना तो अब मुख्य विषय था,
आंखों में तुम्हारे अभी भी भय था …
" किसी बेहतर के सामने मैं बेहतरीन केहलाऊ कैसे?
इन सब की नजरों में मैं बेहद खूबसूरत बन जाऊं कैसे?"
फिर एक रात तुम आईने में खुद को निहारती रही?
असली खूबसूरती की परिभाषा तराशती रही?
फिर तुमने समझा की खूबसूरती को कभी परिभाषित नहीं किया जा सकता हैं
क्योंकि हर चेहरा है खूबसूरत
हर रंग है अच्छा।।
यह कह कर तुम मुस्कुराने लगी,
खुद की नज़रों में खुद की कदर तुम कर जाने लगी।।।।
- Queen 👑
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