POEM
मैंने कुछ ना हासिल ख्वाबों को सजा के रखा है,
तेरे लिए आज भी इस दिल में एक आशियाना बना के रखा है…
ना कर सके हम कुछ बात,
इस दिल में अधूरे से रह गए वो एहसास,
उस रात की खामोशी में हम अपनी यादें सजाते रह गए,
तुम्हारे लिए एक आशियाना बनाते रह गए।।
उस चांद ने हमें रोकना चाहा,
उन तारों ने भी हमें टोकना चाहा,
हम फिर भी तुम्हारा साथ निभाते रह गए,
तुम्हारे लिए अपने दिल में एक आशियाना बनाते रह गए।।
अश्कों ने बता दिए थे इश्क के हालात,
हम फिर भी अपने जज्बातों को छुपाते रह गए,
और इस दुनिया के सामने मुस्कुराते रह गए
कि अपने दिल में एक आशियाना बनाते रह गए।।।
- Queenn 👑
jay @jay12
Your poems are very positive
Thank you so much 💜💜
jay @jay12
You are welcome dear