suraj kumar @008sr
तन्हाई की सितम क्या बताऊँ मैं
तन्हाई की सितम क्या बताऊँ मैं,
भीड़ में भी खुदको अकेला पाता हूँ,
हँसता , खेलता , मुस्कुराता हूँ,
मगर खुश होकर भी खुश ना हो पाता हूँ,
ये सितम कैसी……जो ख़त्म ना हो रही,
ये सवाल…हर रात उस तन्हाई से पूछता हूँ,
ये सवाल…हर रात उस तन्हाई से पूछता हूँ,
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