Kalpit @kalpit
कभी कभी गाली देने का मन करता है । सबको लपेट लूं , कोई लैंगिक भेदभाव नहीं, क्या छोटा क्या बड़ा, क्या ऊंचा क्या नीचा । गालियों की ट्रेन चलती रहे । छुक छुक के स्थान पर कोई और ही ध्वनि निकले । बेपरवाह , बेगैरत गालियों का संचार होता रहे ।
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